Monday 3 October 2011

दुर्गा भी तुम्ही, देवी भी तुम्ही,
और शक्ति का अवतार हो तुम
तुम सरस्वती ,तुम लक्ष्मी हो
और श्रृष्टि कि रचनाकर हो तुम

प्रिय मेघा --
जब तुमने मुझसे जन्म लिया
वह पल क्षण अब भी याद मुझे
खुद मेरे जन्म दिवस पर आ
माँ बनने का सौभाग्य दिया
और 'मेघा ' बन कर बरसी तुम
जीवन मेरा उद्धार किया ,

प्रिय बरखा --
और तुम बरसी 'बरखा 'बन कर
ये घर तुमसे गुलज़ार हुआ
इक खास दिवस तुमसे भी जुड़ा
'प्रेम- दिवस' जन्मोत्सव पड़ा
मै धन्य हिई तुमको पाकर
भरपूर सहारा तुमने दिया

तुम मेरी शक्ति ,तुम मेरा प्रेम मेरे जीवन कि आशा
मेरा विस्तार हो तुम, तुम हो तो मैं हूँ ,
मेरी हर आशा तुमसे जुडी ,,,
सदा जीती रहो ,सहनशील ,कुलीन ,शालीन बनो
(एक सीख माँ की जीवन में कभी डरना नहीं ,,,चाहे कोई मुसीवत कोई विपता हो