Sunday 6 November 2011

आज २ नवंबर २०११ दोपहर २.१९ मिनट पर. मेरे पुत्र चि: रितेश के घर लक्ष्मी रूपेण कन्या ने जन्म लिया है, मेरी एक भावना

 

 

मेरा जीवन दीप जलाने आयी,
मेरे उत्सुक मन की आशावरी,
प्रभा-मुख सजाये,
सुखद अनुभूति धारित,
हरित-मन-प्रसारित,
चन्दन-शीतल-आनन्दित,
तन हर्षित,
मन हर्षित,
मेरे जीवन की  विभावरी |

आयी तू लिए,
आकांक्षाएं,
हो रही,
ह्रदय-स्थल पर
अदभुत अनुभूतियाँ ,
जलने लगा अब,
आशाओं का नया दिया,
तू साक्षात् विष्णु-प्रिया,

अभिलाषाओं की संचित
जीवन-शृंगार प्रभावारी,
मानस-पटल पर शीतल-जल-बावरी,
मेरे जीवन की  विभावरी |
=====0====

सुरेश चौधरी
तुम जो कहना  चाहो वो मेरे    लब   पे   पहले आता है 
हमारे    विचारो    का    मेल   मुझे   बहुत    भाता   है  

कितने   लोगों   का   दिल   इस    तरह   मिल  पाता  है?
तुम   से  जुदाई     का  ख्याल    भी   मुझे   सताता   है 

तुम्हारी  आँखों   में , मेरे  लिए जब    प्यार   झिलमिलाता है  
लगे ऐसा के जैसे चाँद को देख कर ,चकोर कोई कसमसाता है 

कभी ,     कहीं   जब  कोई   प्रीत    के   गीत    गुनगुनाता     है
लगे के   हमारी   दास्ताँ     दुनिया   को     वो   सुनाता    है 


तुम जो   कहना  चाहो वो  मेरे    लब   पे   पहले  आता  है 
हमारे    विचारो    का    मेल   मुझे   बहुत    भाता     है