Friday 30 December 2011

आप को मुझ से बहुत प्यार है .....

आप ने मुझे बनाया है ,आप को तो पता है मेरी पसंद और नापसंद के बारे में 
पर ऐसा क्यूँ है के कुछ चीजे ऐसी बनाई आप ने जो मुझे पसंद नहीं ?
आप ने खुशियाँ बनाई मेरे लिए ,पर दुःख किस के लिए बनाये थे ?
आप ने हंसी तो बनाई मेरे लिए ,पर आंसू किस लिए बनाये थे 
आप ने प्यार बनाया मेरे लिए ,पर नफरत किस लिए बनाई?
आप ने फूल बनाते हुए मेरे ही बारे में सोचा होगा,पर कांटे तो नहीं चाहिए मुझे 
आप ने मिलन बनाया वो सुखद लगता है,पर जुदाई के पल नहीं सहने है मुझे 
आप ने जीवन बनाया उस से मुझे बेहद प्यार है,पर डर लगता है मरने के ख्याल से
किस लिए ,किस लिए बनाईआप ने वो चीजे जो मुझे   पसंद ही  नहीं  है ?
सोचती रही ,हर दिन हर पल ,सताता   रहा   ये  सवाल  मुझे  हमेशा  ही 
जीवन के दिन, महीने, साल बीतते ही रहे इस सवाल के बोझ को ढ़ोते हुए 
फिर जीवन के अनुभव इन सवालों के जवाब चुपके से में कान में बता गए 
खुशियों की कीमत दुःख के बाद ही समझ आती है 
जुदाई ही मिलन का महत्व समझाती है 
फूलों को   कांटे  ही   सम्भाले   रखते  है 
जीवन की थकन को  मृत्यु ही उतार पाती है
समझ गयी हूँ भगवन अब मैं समझ गयी हूँ 
आप ने सब कुछ मेरे ही लिए बनाया ,मुझे  हर   चीज  की  जरूरत  है 
पर मैं से सब अपनी नजर से देखा ,काश आप  की  नजर से देख पाती 
तो ये पंक्ति मैं पहले ही दोहराती ,आप कभी कुछ गलत नहीं कर सकते 
आप को मुझ से  बहुत प्यार है ,आप  को मुझ से   बहुत  प्यार है .....