Sunday 9 October 2011

फितरत

कई बार देखा है के कुछ लोग हर बात में है चीज़ में सिर्फ दुःख और दर्द ही नज़र आता है
बहुत ही नकारात्मक तरह का जीवन जीने की आदत हो जाती है,हमे क्या क्या मिला ये
सोचने की बजाए,सिर्फ ये सोचते है के हमे क्या नहीं मिला,ऐसे  ही लोगों के लिए कुछ लाइन 
लिख रही हूँ इस दुआ के साथ के ,वो जीवन के प्रति अपना नजरिया बदल ले और खुश रहना
सीख जाये!

कुछ लोगों को गम सहने की इतनी आदत होती है
खुशियाँ आकर दस्तक दें तो उनको दिक्कत होती है
आँसूं आहें और तड़प ये उनके साथी होते है 
इन को पाल पोस कर रखना उनकी फितरत होती है
खुशियों के चंद पल भी उनको होते बर्दाश्त  नहीं 
ये सोच के भी वो रो लेते, के हम क्यूँ उदास नहीं
ऐसे लोगों के संग रहना किसी के बस की बात नहीं 
वो जीवन बस कटा करते ,जीने में विश्वास नहीं 
खुशियों की अमृत वर्षा , ईश्वर तो हर दम करते है
समझदार उसे पीते रहते और मुर्ख कहते, अभी प्यास नहीं.

   

2 comments:

  1. Avantiji, mai do hindi filmi songs ke mukhde rakhta hu! muje lagta hai ki iske alawa aur koi comment deneki shayad jaroorat nahi rahegi! is geet me dono prakarke insaanka chitran bakhubi hua hai!
    1) Mai jindgime hardum rota hi raha hu, rota hi raha hu, tadpata hi raha hu! ( old song of Mohd.Rafi)

    2) Mai jindkika saath nibhata chala gaya, har phikrako dhueme udata chala gaya (also sung by Mohd. Rafi- film HUMDONO).(Is pure geetke lyrics bahut hi inspirational hai!)

    ReplyDelete
  2. Sundar Rachna!

    Kisi ka she'r yad aa gaya;

    Jab naseeb-e-dushmanaan dil baa sukoon paata hoon main
    Koi tadpaata nahin to khud tadap jaata hoon main

    ReplyDelete