Wednesday 2 November 2011

        ग़ज़ल 

जो मुश्किल में शरीके गम नहीं है !
मेरे  साथी  मेरे  हमदम  नहीं   है !!

ये  माना  एक  से  है  एक   बेहतर!
मगर हम भी किसी से कम नहीं है!! 

तेरे जलवो में जिस ने होश खोये
वो कोई  और  होगा  हम   नहीं  है

(अनजान शायर )







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