Tuesday 17 January 2012

जिंदगी आ तुझे शब्दों में आज ढाला जाये

जिंदगी आ तुझे शब्दों   में   आज   ढाला  जाये 
दिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये 


आसूं पौंछ  दिए  जाएँ   हर  नम आँख से और 
हर एक भूखे के पेट तक आज  निवाला  जाये 

दिल और जिस्म के हर ज़ख्म पर लगे मरहम आज 
दुःख और दर्द को दे दिया आज   देश निकला जाये 

दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को 
बन के   हमदर्द,  किसी   बेबस को सम्भाला जाये 

कभी ना देखी हो खुशियों की रौशनी जिस ने ,उस के लिए 
सूरज  की   किरणों से  आज लिया   छीन,  उजाला  जाये 

 आओ खोलें आज   मिल कर ,  हम सब   मधुशाला  स्नेह की 
जहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये 
(अवन्ती सिंह)

33 comments:

  1. बहुत बढिया दूसरा शेर सबसे अच्छा|

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  2. दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
    बन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये

    ....बहुत सकारात्मक सोच...सुन्दर सार्थक प्रस्तुति...

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  3. दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
    बन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
    बहुत ही अच्‍छा लिखती हैं आप ...

    ये पंक्तियां विशेषकर अच्‍छी लगी ..आभार सहित शुभकामनाएं

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  4. Wah...ek ek panktiyan adbhut....
    Bahut hi gazab ke bhaav.....

    Hats off to u for this one...Loved it....

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  5. बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति|

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  6. This comment has been removed by the author.

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    1. very nice. short and sweet. aapki bhawanao aur abhivyakti ko pranam..........

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  7. बहुत सुन्दर...
    जिंदगी आ तुझे शब्दों में आज ढाला जाये
    दिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये

    सभी अच्छे....

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  8. वाह,सटीक और सामयिक रचना.

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  9. जिंदगी आ तुझे शब्दों में आज ढाला जाये
    दिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये...बहुत ही खूबसूरती से जिन्दगी को शब्दों में ढाला है आपने.....

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  10. waah!
    kyon naa saath baith kar piyaa jaaye
    phir masti mein jhoomaa jaaye

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  11. बहूत सुंदर सकारात्मक प्रस्तुती...

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  12. आशावादिता ही सहारा है।

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  13. सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!

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  14. मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता.

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  15. bahut sundar shabd...

    कभी ना देखी हो खुशियों की रौशनी जिस ने ,उस के लिए
    सूरज की किरणों से आज लिया छीन, उजाला जाये

    shubhkaamnaayen.

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  16. प्रभावशाली अभिव्यक्ति है !
    शुभकामनायें आपको ..

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  17. bahut badhiya likhti hain aap.... dehro shubhkaamnaye...

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  18. जिंदगी आ तुझे शब्दों में आज ढाला जाये
    दिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये

    wah... awesome
    http://rhythmvyom.blogspot.com/

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  19. आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
    जहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये

    बहुत सुन्दर और प्रेरक प्रस्तुति है आपकी.
    सकारात्मक भावों का उदय करती अनुपम
    प्रस्तुति के लिए आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,avanti जी.

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  20. दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
    बन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
    bahut hi sundar gazal ....sadar abhar Awanti ji .

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  21. दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
    बन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
    bahut hi sundar gazal ....sadar abhar Awanti ji .

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  22. रचनाऎं बहुत सुंदर एवम सार्थक हैं । मात्राऎं छूट रही हैं कही कहीं टंकण में ।

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  23. आसूं पौंछ दिए जाएँ हर नम आँख से और
    हर एक भूखे के पेट तक आज निवाला जाये


    बहुत खुबसूरत

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  24. दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
    बन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये

    बेहतरीन पंक्तियाँ..

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  25. दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
    बन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
    सुंदर , पावन भाव .....

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  26. आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
    जहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये!

    बहुत ही अच्छा लिखा है आपने! ढेरों सराहना!

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  27. बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  28. बहुत सुंदर रचना

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  29. आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
    जहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये !

    अवन्ती सिंह जी, बहुत प्यारी रचना है आपकी !

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  30. आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
    जहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये

    Gajab! waah waah!

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