Friday 30 March 2012

फितरत

एक व्यंग 
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कुछ लोगों को   गम  सहने की इतनी आदत होती है
खुशियाँ आकर दस्तक दें तो उनको दिक्कत होती है

आँसूं   आहें   और   तड़प   ये   उनके    साथी होते है 
इन को पाल पोस कर रखना उनकी फितरत होती है

खुशियों  के  चंद  पल  भी  उनको  होते  बर्दाश्त  नहीं 
ये सोच  के  भी  वो  रो लेते,  के हम  क्यूँ  उदास  नहीं

ऐसे लोगों  के  संग  रहना  किसी  के बस की बात नहीं 
वो  जीवन  बस  काटा  करते ,जीने   में  विश्वास  नहीं 

खुशियों   की   अमृत   वर्षा ,   ईश्वर   तो   हर दम करते है
समझदार उसे पीते रहते और मुर्ख कहते, अभी प्यास नहीं.



   

12 comments:

  1. बहुत सुन्दर अवंति...
    लाजवाब!!!

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    1. बहुत सुन्दर सृजन, बधाई.

      मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नयी पोस्ट पर भी पधारने का कष्ट करें.

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  2. वर्तमान में आनन्द ढूढ़ लेना ही अमृत है..

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  3. sundar rachna bhavuk man ki soch. lajvaab.meri nai post par aapka svagat hae.

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  4. बहुत ही बढ़िया


    सादर

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  5. वाह ...बहुत खूब ।

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  6. bahut bahut bahut sundar.

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  7. कुछ लोगों को गम सहने की इतनी आदत होती है
    खुशियाँ आकर दस्तक दें तो उनको दिक्कत होती है ..

    सच कहा है ... कुछ लोग ऐसे होते अहिं जीवन में जो हमेशा से नेगटिव रहते हैं ... अच्छी रचना है ...

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  8. बहुत ही उम्दा रचना बधाई और शुभकामनाएँ |

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  9. कुछ लोग होते हैं ऐसे । आपकी रचना को ऐसे लोग पढें तो शायद कुछ सुधरें ।

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