करके अहसान किसी पर, अगर जता भी दिया
तो फिर वो अहसान कैसा, किया, किया, ना किया
रहो खामोश, अगर दर्द किसी का बांटो
करोगे चर्चे तो फिर गम हल्का,किया,किया ना किया
तजुर्बे, जिन्दगी की राह में गर काम ना आये
तो फिर वो खाक तजुर्बा था,किया, किया, ना किया
तुम्हारी हसरतों पर गर पकड रही ना तुम्हारी
जिया तो जीवन तुम ने,मगर जिया, जिया, ना जिया
किसी की आँख के आंसू , अगर तुम पौंछ ना पाए
सजदे में सर खुदा के , दिया, दिया, ना दिया
सफाई दिल की कालिख की अगर तुम कर नहीं पाए
स्नान गंगा में जाकर, किया, किया, ना किया
तुम्हारे घर में ही गर तुम पे उठ रही है उंगलियाँ
सलाम दुनिया ने तुम को, किया, किया, ना किया
पुकारे जब भी धरती माँ, तो उठ चलना हुंकार के
कहेगी वरना ये धरा, जन्म इस ने लिया,लिया,ना लिया
(अवन्ती सिंह )
तो फिर वो अहसान कैसा, किया, किया, ना किया
रहो खामोश, अगर दर्द किसी का बांटो
करोगे चर्चे तो फिर गम हल्का,किया,किया ना किया
तजुर्बे, जिन्दगी की राह में गर काम ना आये
तो फिर वो खाक तजुर्बा था,किया, किया, ना किया
तुम्हारी हसरतों पर गर पकड रही ना तुम्हारी
जिया तो जीवन तुम ने,मगर जिया, जिया, ना जिया
किसी की आँख के आंसू , अगर तुम पौंछ ना पाए
सजदे में सर खुदा के , दिया, दिया, ना दिया
सफाई दिल की कालिख की अगर तुम कर नहीं पाए
स्नान गंगा में जाकर, किया, किया, ना किया
तुम्हारे घर में ही गर तुम पे उठ रही है उंगलियाँ
सलाम दुनिया ने तुम को, किया, किया, ना किया
पुकारे जब भी धरती माँ, तो उठ चलना हुंकार के
कहेगी वरना ये धरा, जन्म इस ने लिया,लिया,ना लिया
(अवन्ती सिंह )
बेहतरीन
ReplyDeleteसादर
बेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteकिसी की आँख के आंसू , अगर तुम पौंछ ना पाए
ReplyDeleteसजदे में सर खुदा के , दिया, दिया, ना दिया
....बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
एक लंबे अंतराल के बाद आपके पोस्ट पर आना हुआ। कविता बहुत अच्छी लगी । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
ReplyDeletebahut sundar avanti ji ...badhai
ReplyDeleteLIKE THIS PAGE ON FACEBOOK AND WISH OUR INDIAN HOCKEY TEAM ALL THE BEST FOR LONDON OLYMPIC
बहुत सुन्दर .. प्रयोगात्मक भी
ReplyDeleteरहो खामोश,अगर दर्द किसी का बांटो
ReplyDeleteकरोगे चर्चे तो फिर गम हल्का,किया,किया ना किया..............
कहते हैं neki कर दरिया main daal.sunder प्रस्तुति............
रहो खामोश,अगर दर्द किसी का बांटो
ReplyDeleteकरोगे चर्चे तो फिर गम हल्का,किया,किया ना किया..............
कहते हैं neki कर दरिया main daal.sunder प्रस्तुति............
यार्थार्थ को दर्शाती अभिवयक्ति.....
ReplyDeleteवाह - वाह............एक बेहतरीन ग़ज़ल दीदी बधाई हो !!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अहसास !
ReplyDeleteसफाई दिल की कालिख की अगर तुम कर नहीं पाए
ReplyDeleteस्नान गंगा में जाकर, किया, किया, ना किया
सटीक रचना
मेरे गीत पर आपकी चर्चा है ...कृपया अवश्य पढ़ें
ReplyDelete@ अली साहब ,
-१००३० वीं टिप्पणी अवन्ती सिंह की है
Read more: http://satish-saxena.blogspot.com/2012/04/blog-post.html
तजुर्बे, जिन्दगी की राह में गर काम ना आये
ReplyDeleteतो फिर वो खाक तजुर्बा था किया, किया, ना किया
बहुत ही सुंदर रचना ।
किसी की आँख के आंसू , अगर तुम पौंछ ना पाए
ReplyDeleteसजदे में सर खुदा के , दिया, दिया, ना दिया
बड़ी खूबसूरत राह दिखाती रचना....
sundar rachna
ReplyDeletebahut badiya gahre ahsas se bhari rachna!
ReplyDeletegahan bhav....
ReplyDeleteBehad khubsurat....yahan bi padharein http://kunal-verma.blogspot.com
ReplyDeleteसफाई दिल की कालिख की अगर तुम कर नहीं पाए
ReplyDeleteस्नान गंगा में जाकर, किया, किया, ना किया
तुम्हारे घर में ही गर तुम पे उठ रही है उंगलियाँ
सलाम दुनिया ने तुम को, किया, किया, ना किया
bahut hi sundar rachana badhai aavanti ji
बहुत बेहतरीन....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
बहुत ही सुंदर भाव और अत्यंत खूबसूरत अंदाज़े बयां ! व्यस्तता के चलते इन खूबसूरत शेरों से महरूम रहना पड़ा अफ़्सोस हो रहा है! सभी एक से बढकर ! यह तो सीधा दिल में उतर गया -
ReplyDelete"किसी की आँख के आंसू, अगर तुम पौंछ ना पाए
सजदे में सर खुदा के, दिया, दिया, ना दिया
वाह !
बहुत परिपक्व और सार्थक वचन - काव्य-बद्ध होकर और प्रभावी हो गये हैं !
ReplyDeleteसन्दर्भ : स्वप्न रहस्य
ReplyDeleteप्रोफ. अली ने जानना चाह था की १००३० वीं टिप्पणी किस की थी संयोंग से वह अवन्ती सिंह की थी जिनके जीवन में भी ४ और ८ का अंक काफी महत्वपूर्ण है :-))
यह बेहद रोमांचक है ...
शुभकामनायें आपको !
आपका इमेल न होने के कारण इस पोस्ट पर कमेन्ट के रूप में लिख रहा हूँ ! इसे डिलीट कर दीजियेगा !
बहुत अच्छी प्रस्तुति। दिल को छू गया।
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