Sunday, 10 June 2012

प्रेम गीत

जब भी कोई प्रेम गीत लिखना चाहती हूँ मैं
करके 2 पल आँखें बंद कल्पना में उतरती हूँ
तो एक स्त्री  और पुरुष की छवि उतर आती है आँखों में
एक दुसरे को प्रेम से देखते हुए ,पूर्ण समर्पण का भाव आँखों में भरे हुए
लगता है के इन की पूरी दुनिया सिर्फ एक दूजे से ही पूरी हो जाती है
किसी तीसरे का कोई स्थान नहीं है वहां ,और जरूरत भी नहीं
खुद में मग्न ,एक दूजे को सुख और स्नेह से भरने को सदा आतुर रहते है वो दोनों
इन दोनों को देखते ही मेरी कलम कसमसाने लगती है ,बेचैन हो उठती है प्रेम गीत लिखने को
मेरा हर प्रेम गीत के नायक और नायिका ये ही रहे है सदा 
और कैसा इतफाक है प्रिय ,के हम दोनों से काफी मिलती जुलती छवि है इन दोनों की
हुबहू हम से ही लगते है ये भी ...............

(अवन्ती सिंह )

23 comments:

  1. लगता है के इन की पूरी दुनिया सिर्फ एक दूजे से ही पूरी हो जाती है
    किसी तीसरे का कोई स्थान नहीं है वहां,और जरूरत भी नहीं...................अर्थात -
    तेरे नाम से शुरू,तेरे नाम पै खतम............सुंदर ... ...

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  3. प्रेम का भाव सबमें एकरूप रहता है..

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  4. वाह बहुत खूब...प्रेम में डूबी अभिव्यक्ति

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  5. क्या बात है!!
    आपके इस सुन्दर प्रविष्टि का लिंक कल दिनांक 11-06-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगा। सादर सूचनार्थ

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  6. एक दूसरे के लिये समर्पण भाव है तो निश्चय ही सच्चा प्रेम है ...
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ...
    शुभकामनायें.

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  7. वाह बहुत खूब.......
    very nice....

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  8. भावाभिव्यक्ति काव्य की नूतन शैली लगी. शब्दों ने भावनाओं के आकाश में विचरण कराया और अचानक धूरी पर ला खडा किया. भावों के बुलबुले मन में काफी देर तक जगह बनाए रहे.

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  9. भावाभिव्यक्ति काव्य की नूतन शैली लगी. शब्दों ने भावनाओं के आकाश में विचरण कराया और अचानक धूरी पर ला खडा किया. भावों के बुलबुले मन में काफी देर तक जगह बनाए रहे.

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  10. bahut hi sundar

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  11. बड़ी सुंदर अभिव्यक्ति....
    सादर।

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  12. दुनिया के सभी प्रेमी एक जैसे हैं...

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  13. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....!!!

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  14. आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ. अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)

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  15. प्रेम का रूप सब का एक ही होता है....बहुत भावपूर्ण रचना..

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  16. प्रेम के रूप को चित्र कर रंग भर दिया इसमें |

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  17. प्रेमिल भावनाएं संक्रामक ही होती है !

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  18. अति सुन्दर
    राधे-राधे

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