मैं हवा हूँ ,मुझे बाँध सके कोई
इतनी बिसात कहाँ है किसी में
बाँधने वाले को भी साथ उड़ा कर ले
ले जा सकती हूँ मैं .......
दहकती ज्वाला हूँ मैं......
मेरा सम्मान करने वाले
मुझ से जीवन पाते है
बाकि सब मेरी धधकती लपटों
में जल कर खो जाते है ...
कल कल कर बहता नीर भी मैं हूँ
चाहूँ तो प्यास बुझा दूँ ,जग की
चाहूँ तो सब को बहा ले जाऊं
जीवन और मृत्य ,मेरे ही पहलु है
धैर्य से टिकी धरा हूँ मैं
तुम्हारे हर कर्म को, व्यवहार को
चुपचाप सहती हूँ ,शांत रह कर
पर मेरी जरा सी कसमसाहट
तुम्हारे मन और जीवन में
भूचाल भी ला सकती है
अपनी विशालता में सब को
समेटे ,आकाश हूँ, सब पर स्नेह -जल
बरसा कर नव-जीवन का संचार करूँ
अत्याचार अधिक बढ़े तो ,प्रकोपित
बिजलियाँ गिरा, विनाश भी करूँ
मेरा नाम प्रकृति है या नारी, ये आप ही
निर्णय कीजिये ,हम जुड़वाँ बहनों सी ही
तो है ,बहुत अधिक अंतर नहीं होगा शायद
हम दोनों में ,क्या ख्याल है इस बारे में ??
इतनी बिसात कहाँ है किसी में
बाँधने वाले को भी साथ उड़ा कर ले
ले जा सकती हूँ मैं .......
दहकती ज्वाला हूँ मैं......
मेरा सम्मान करने वाले
मुझ से जीवन पाते है
बाकि सब मेरी धधकती लपटों
में जल कर खो जाते है ...
कल कल कर बहता नीर भी मैं हूँ
चाहूँ तो प्यास बुझा दूँ ,जग की
चाहूँ तो सब को बहा ले जाऊं
जीवन और मृत्य ,मेरे ही पहलु है
धैर्य से टिकी धरा हूँ मैं
तुम्हारे हर कर्म को, व्यवहार को
चुपचाप सहती हूँ ,शांत रह कर
पर मेरी जरा सी कसमसाहट
तुम्हारे मन और जीवन में
भूचाल भी ला सकती है
अपनी विशालता में सब को
समेटे ,आकाश हूँ, सब पर स्नेह -जल
बरसा कर नव-जीवन का संचार करूँ
अत्याचार अधिक बढ़े तो ,प्रकोपित
बिजलियाँ गिरा, विनाश भी करूँ
मेरा नाम प्रकृति है या नारी, ये आप ही
निर्णय कीजिये ,हम जुड़वाँ बहनों सी ही
तो है ,बहुत अधिक अंतर नहीं होगा शायद
हम दोनों में ,क्या ख्याल है इस बारे में ??