Wednesday 21 March 2012

कहीं दूर क्षितिज से


निशा कुलश्रेष्ठ
मुझको अपनी आज़ादी चाहिए
किससे? कैसे ?क्यों भला ?
नहीं जानती ,
आज़ादी किस से......

" अपनों" से .?
अपने "स्वप्नों" से ?
,अपने "विचारो" से ,?
जो गाहे बगाहे
चले ही आते हैं ।
और न चाहते हुए भी
इन्हें देख कर,
मुस्कराना तो पड़ता ही है।।

छोड़ते हैं "अपने" तो ,
दिल टूटता है ।
टूटते हैं" सपने" तो
जान जाती है ।
और विचारहीन होती हूँ तो
जीवन ही व्यर्थ चला जाता है ।

क्या करूँ मैं फिर ?
किस ओर जाना है अभी ?
क्या कोई और नयी राह,,,,,,,,,???
मुझे खोजती है ,,,,,???
क्या कोई और जहाँ मुझे बुलाता है ,,,,,???
क्या कोई और दुआ,,,,,???
मेरी राहों में खडी है ,,,,,,,,??? ,
कोई जमीन ...
कोई असमान, ...
क्या कुछ और मुझे कहीं खोज रहा है ....
क्या मेरे वास्ते नया
जो मुझे पुकारता है ,
कही दूर क्षितिज से ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,निशा कुलश्रेष्ठ {१५. ३. १२. }

(मेरी सखी निशा जी कुछ बीमार चल रही है ,उन के चेहरे पर एक मुस्कान आये इस के लिए उन की एक रचना यहाँ रख रही हूँ ,वो देखेगी तो जरुर खुश होगीं  )

ऊर्जा का महत्व हम सब के जीवन में

इस विषय में इतना कुछ लिखा जा सकता है के मेरे गीत अंतरात्मा के कहीं खो जायेगे :):)

ये ही सोच कर मैं ने इस विषय के लिए एक अलग ब्लॉग बना दिया है ,उर्जा के विषय में समय समय पर उस ही ब्लॉग पर लिखूंगी ,इस विषय में रूचि रखने वाले मेरे सब ही मित्रगण सादर आमंत्रित है नए ब्लॉग ऊर्जा पर, ऊपर लिखी  लिंक सूचि में ऊर्जा को शामिल कर दिया है ताकि आसानी से ऊर्जा पर पंहुचा जा सके ! शुक्रिया.......

 http://praanurza.blogspot.in/