मैं एक आशा हूँ
मेरे टूट जाने का तो सवाल ही नहीं होता
मैं बनी रहती हूँ हर एक मन में
ताकि हर मन जीवित रह सके
मुझे खुद को बचाए ही रखना है हर हाल में
यदि मेरा अस्तित्व मिटा, तो मुश्किल हो जायेगा
किसी के भी अस्तित्व का कायम रहना
यदि मेरा कोई एक रूप टूट भी गया बिखर भी गया
तो झट से एक नए कलेवर को धारण करके
मैं पुनः मन में प्रकट हो जाउंगी
मैं रहूँगी, सदा रहूँगी.....