आज गुरु पूर्णिमा है ! अपने गुरु के प्रति आभार प्रकट करने का दिवस ,गुरु शब्द का अर्थ होता है अँधेरे से प्रकाश की और ले जाने वाला ,अज्ञान ज्ञान की और ले जाने वाला ! मुंशी रूप में जन्म लेने के बाद हमे अनेक गुरु मिलते है सबसे पहले मान के रूप में फिर पिता के रूप में ,बहन भाई ,मित्र ,टीचर के रूप में दादा दादी के रूप में ,
आध्यात्मिक ज्ञान देने वाले गुरु के रूप में और सब से बड़ा गुरु परमपिता परमात्मा जो इन सभी के भीतर विराजित होकर इनके द्वारा हमे प्रकाश की और ले चलता है !
अपने बच्चों को इस दिन का ज्ञान दें उसे बताएं पहली गुरु माँ है ,फिर घर के बुजुर्ग है ,उससे कहें सबके चरण स्पर्श करके उनका धन्याद करे के आप ने मुझे काफी कुछ सिखाया उसके लिए शुक्रिया ,यदि चाहें तो कुछ उपहार भी दिलवायें ,टीचर के प्रति आभर व्यक्त करने को कहें ,स्कुल टीचर हो , या घर में आकर पढने वाला टीचर , बच्चा सब को बधाई दे अपने तरीके से अपने शब्दों में !
फिर सब से बड़े परमपिता परमेश्वर को भी शुक्रिया कहे ,उनके चरणों में कुछ पुष्प भी रखें तो उत्तम नहीं तो बस प्रणाम कर लें !
हर दिवस और हर त्यौहार का मुख्य उद्देश्य होता है इंसान में इंसान ,प्रकृति और परमात्मा के प्रति प्रेम और आभार के भाव को बढ़ाना ,ये भाव ही अच्छा इंसान बनाने सहायक होते है !