हे नवजात शिशु ,हे अबोध बालक ....
इस सृष्टि में है तुम्हारा स्वागत
अभी नन्हे से तुम बालक हो
आओ तुम्हे दुलार दूँ मैं
भर दूँ झोली उपहारों से
माथा स्नेह से पुचकार दूँ मैं
सृष्टि की बगिया में तुम फूलो -फलों
सुख पाकर विकसित हो जाओ
सब की झोली भरो खुशियों से
सब का प्रेम पा मुस्काओ
सब शांत सुखी सम्पन्न रहे
तुम पर भी होगी ये जिम्मेदारी
आओ हम सब मिल जुल कर
नए साल का आदर सत्कार करें
दुःख अपनों के हम सारे ले लें और
सब के मन में स्नेह और प्यार भरे
इस सृष्टि में है तुम्हारा स्वागत
अभी नन्हे से तुम बालक हो
आओ तुम्हे दुलार दूँ मैं
भर दूँ झोली उपहारों से
माथा स्नेह से पुचकार दूँ मैं
सृष्टि की बगिया में तुम फूलो -फलों
सुख पाकर विकसित हो जाओ
सब की झोली भरो खुशियों से
सब का प्रेम पा मुस्काओ
सब शांत सुखी सम्पन्न रहे
तुम पर भी होगी ये जिम्मेदारी
आओ हम सब मिल जुल कर
नए साल का आदर सत्कार करें
दुःख अपनों के हम सारे ले लें और
सब के मन में स्नेह और प्यार भरे