सखियों ने भेजा सन्देश
आओ होली आई है!
खिले है पलाश चटकीले
टेसू की कली मुस्काई है!
रंग लिए है पक्के वाले
पिचकारी मंगवाई है !
आकर हम संग खेलो होरी
ऋतू फागुन की आई है !
नहीं चलेगा कोई बहाना
पिया को संग में लेकर आना
आकर गले लगाना हम को
हम संग हँसना और बतियाना !
गाकर गीत होली के "रसिया"
तुम महफ़िल की शान बढ़ाना!
करेगे गाल तुम्हारे लाल
देखना सखी हमारा कमाल !
कब से तकते राह तुम्हारी
क्यूँ तुमने देर लगाई है !
सखियों ने भेजा सन्देश
आओ होली आई है!
(अवन्ती सिंह)