Thursday, 1 March 2012

आशा


मैं एक आशा हूँ 
मेरे टूट जाने का तो सवाल ही नहीं होता 
मैं बनी रहती हूँ हर एक मन में 
ताकि हर मन जीवित रह सके 

मुझे खुद को बचाए ही रखना है हर हाल में 
यदि मेरा अस्तित्व मिटा, तो मुश्किल हो जायेगा  
किसी के भी अस्तित्व का कायम रहना 

यदि मेरा कोई एक रूप टूट भी गया बिखर भी गया 
तो झट से एक नए कलेवर को धारण करके 
मैं पुनः मन में प्रकट हो जाउंगी 
मैं रहूँगी, सदा रहूँगी..... 

27 comments:

  1. आशा ही तो वह पतवार है ..जिसके सहारे हमें हर तूफ़ान से निबटते जाना है और जिए जाना है!...सुन्दर भावाभिव्यक्ति !!!

    ReplyDelete
  2. आशा के विश्वास को, लगे न प्रभु जी ठेस ।

    होवे हरदम बलवती, धर-धर कर नव भेस ।।


    दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक

    http://dineshkidillagi.blogspot.in

    ReplyDelete
  3. Uttam - ati uttam kriti!

    Bahut sundar!

    ReplyDelete
  4. अस्तित्व रहेगा तो सारे दुख भी सह लिये जायेंगे..

    ReplyDelete
  5. रहनी भी चाहिए.....आशा से ही जीवन में गति है ।

    ReplyDelete
  6. सच कहा...आशा है तो जीवन है...
    सुन्दर!!!

    ReplyDelete
  7. इक आशा और उम्मीद ही तो जीना सिखाती है...

    ReplyDelete
  8. आशा है तो उम्मीद है
    बहूत हि अच्छा लिखा है:-)

    ReplyDelete
  9. बहुत सुंदर भाव| होली की शुभ कामनाएं|

    ReplyDelete
  10. विचारों को गति देता हुआ सृजन ...सुन्दर व रोचक है
    कहते है आशा ही जीवन ,जो अग्रिम पथ का मजबूत सोपान है , बधाईयाँ /

    ReplyDelete
  11. गहरी सोच ...!
    सुन्दर प्रस्तुति !
    आभार !

    ReplyDelete
  12. आशा ही जीवन है ......सुंदर प्रस्तुति. हेतु आभार.

    ReplyDelete
  13. यदि मेरा कोई एक रूप टूट भी गया बिखर भी गया
    तो झट से एक नए कलेवर को धारण करके
    मैं पुनः मन में प्रकट हो जाउंगी
    मैं रहूँगी, सदा रहूँगी.....
    BEAUTIFUL POST.
    HOPE ASHA FEW LINES BUT VERY STRONG.

    ReplyDelete
  14. आशा ही जीवन को आगे बढने में गति देता है,..
    अच्छी प्रस्तुति,इस सुंदर रचना के लिए बधाई,...

    NEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...

    ReplyDelete
  15. जीवनामृत (आशा) को पुनः दर्शाती सुंदर कविता.

    ReplyDelete
  16. सुन्दर...
    आशाओं का दीप सदा जलता रहे....अस्तित्व रोशन रहेगा ही...
    स्नेह...

    ReplyDelete
  17. aasha hi to wo ek akeli aisi bhaavna hai jo aur kisi bhaav ko khatm nahi hone deti... vyakti janm se maran tak ka safar isi aasha ke shaare kar leta hai... shabdon ka bandhan achha laga... khubsurat kavita hai....

    ReplyDelete
  18. बहुत ही बढ़िया रचना है....
    बेहतरीन अभिव्यक्ति..

    ReplyDelete
  19. मैं एक आशा हूँ
    मेरे टूट जाने का तो सवाल ही नहीं होता

    bahut sundar...

    ReplyDelete
  20. आशा है साथ तो हर मुश्किल है आसान ...अच्छी प्रस्तुति

    ReplyDelete
  21. सुन्दर भावाभिव्यक्ति ,

    ReplyDelete
  22. आशा है तो जीवन है !सुंदर प्रस्तुति!

    ReplyDelete
  23. ekdum satya....aasha ke bina to jeevan hi nahin....dono paryaay hain ek-dooje ke....

    ReplyDelete