Thursday, 3 November 2011

सूरज ,सितारे,चाँद मेरे  साथ  में रहे !
जब तक तुमारे हाथ  मेरे हाथ  में रहे!!

शाखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं है हम!
आंधी से कोई कह दे  के औकात  में रहे!!

कभी महक की तरह हम गुलो से उड़ते है!
कभी  धुएं  की तरह  पर्वतों से  उड़ते है!!

ये कैचियां हमे उड़ने से  खाक  रोकेगी !
हम परों  से नहीं,  हौसलों  से  उड़ते है !!

( राहत इन्दोरी )
 

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