Thursday, 22 December 2011

खुदा ने जब तुम्हे बनाया होगा ...

चाँद   से  नूर    थोडा,  खुदा   ने     उठाया   होगा 
जब तुम्हारे जिस्म की   रंगत  को  बनाया होगा  

टिमटिमाते दो तारे  रख दिए  आँखों में तुम्हारी 
और काली घटाओं से, बालों को   बनाया   होगा 


होठ  ऐसे  के,  लगे   नाजुक  पंखुड़ी कमल  की हो 
कमल की पखुडिया वो    कैसे   तराश  पाया होगा 


इतने  तीखे  नयन -नक्श  बनाये   होगे   जिससे 
उस  औजार को वो जाने  कहाँ    से    लाया   होगा 


जिस्म   ऐसा,  जैसे   नदी  गिरती हो उठ जाती हो 
नदी   को   सांचे   में,  वो   कैसे ढाल   पाया   होगा


चाँद   से     नूर    थोडा,    खुदा   ने   उठाया   होगा 

जब तुम्हारे जिस्म की रंगत   को   बनाया   होगा 


( चित्र साभार -गूगल इमैज )

7 comments:

  1. सुन्दर नख-शिख वर्णन ...
    अच्छी श्रृंगारिक रचना.

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  2. kahaan rahtee hein
    ek photo hee bhijvaa do
    photo mein aitraaj ho to
    email kaa paataa hee de do
    kamse kam khoobsoortee kee taareef to kar doon


    shringaar ras par achhee rachnaa

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  3. भावों से नाजुक शब्‍द......बेजोड़ भावाभियक्ति....

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  4. बहुत सुंदर शब्द चित्र..

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  5. बहुत सुन्दर चित्रण...

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  6. जिसकी रचना इतनी सुंदर, वह कितना सुंदर होगा।

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