Tuesday, 27 September 2011

फेली शितिज पर गहरी लाली सूर्य प्रकाश अब होने को है
चला अंधेरा बाँध के गठरी सूर्य राज्य अब होने को है
कुछ ही देर मे सूर्य अपनी रशमीयों की चादर फेलाएगा
सारा जाग ज्ञानमय प्रकाशमय हो जाएगा
पक्षी दाना लाएगे,कोयल अब गीत सुनाएगी
आलसय दूर भगेगा प्राणों मे उर्ज़ा आएगी
इस ज्ञान प्रकाश का मिल जुल कर ,आओ लाभ उठाए हम
घनघोर रात्रि आने से पहले,आतमप्रकाशित हो जाए हम

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