आज २ नवंबर २०११ दोपहर २.१९ मिनट पर. मेरे पुत्र चि: रितेश के घर लक्ष्मी रूपेण कन्या ने जन्म लिया है, मेरी एक भावना
मेरा जीवन दीप जलाने आयी,
मेरे उत्सुक मन की आशावरी,
प्रभा-मुख सजाये,
सुखद अनुभूति धारित,
हरित-मन-प्रसारित,
चन्दन-शीतल-आनन्दित,
तन हर्षित,
मन हर्षित,
मेरे जीवन की विभावरी |
आयी तू लिए,
आकांक्षाएं,
हो रही,
ह्रदय-स्थल पर
अदभुत अनुभूतियाँ ,
जलने लगा अब,
आशाओं का नया दिया,
तू साक्षात् विष्णु-प्रिया,
अभिलाषाओं की संचित
जीवन-शृंगार प्रभावारी,
मानस-पटल पर शीतल-जल-बावरी,
मेरे जीवन की विभावरी |
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सुरेश चौधरी
बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteआयी तू लिए,
ReplyDeleteआकांक्षाएं,
हो रही,
ह्रदय-स्थल पर
अदभुत अनुभूतियाँ ,
जलने लगा अब,
आशाओं का नया दिया,
तू साक्षात् विष्णु-प्रिया....
बहुत सुन्दर रचना
बधाई हो आपको
अवन्ती जी मेरे ब्लॉग पे आपका स्वागत है !