Sunday, 6 November 2011

तुम जो कहना  चाहो वो मेरे    लब   पे   पहले आता है 
हमारे    विचारो    का    मेल   मुझे   बहुत    भाता   है  

कितने   लोगों   का   दिल   इस    तरह   मिल  पाता  है?
तुम   से  जुदाई     का  ख्याल    भी   मुझे   सताता   है 

तुम्हारी  आँखों   में , मेरे  लिए जब    प्यार   झिलमिलाता है  
लगे ऐसा के जैसे चाँद को देख कर ,चकोर कोई कसमसाता है 

कभी ,     कहीं   जब  कोई   प्रीत    के   गीत    गुनगुनाता     है
लगे के   हमारी   दास्ताँ     दुनिया   को     वो   सुनाता    है 


तुम जो   कहना  चाहो वो  मेरे    लब   पे   पहले  आता  है 
हमारे    विचारो    का    मेल   मुझे   बहुत    भाता     है











   







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