bahut hi sundar likhti hai aap ...aur gahara bhi ...bahut accha laga pad kar ....badhaiya
Wah!!! mujhme tha noor kisi aur ka samaya hua.....excellent....
बहुत अच्छी सुंदर प्रस्तुति,बढ़िया अभिव्यक्ति रचना अच्छी लगी..... new post--काव्यान्जलि : हमदर्द.....बहुत दिनों से मरे पोस्ट पर नही आई,..क्या बात है
badhiyaa bahut khoob meraa honslaa meree himmat mere saath theeusse jyaadaa uskee duaayein mere saath thee
कितने उठाये तूफ़ान ,पर मेरी लौ भी ना हिली मुझ में था नूर किसी और का समाया हुआ वाह लाजबाब। मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें।
भावों से नाजुक शब्द......
वाह! खूबसूरत अशआर
wah kya andaz hai..bahut khoobमिश्री की डली ज़िंदगी हो चली
सुभानाल्लाह.....
वाह!
मेरे हरीफ़ों ने कोशिश तो लाख की मगर मैं एक दीया था खुदा का जलाया हुआ कितने उठाये तूफ़ान ,पर मेरी लौ भी ना हिली मुझ में था नूर किसी और का समाया हुआ Awanti ji ...kya khoob likha hai apne ....bilkul lajabab rachana.
bahut hi sundar likhti hai aap ...aur gahara bhi ...bahut accha laga pad kar ....badhaiya
ReplyDeleteWah!!! mujhme tha noor kisi aur ka samaya hua.....
ReplyDeleteexcellent....
बहुत अच्छी सुंदर प्रस्तुति,बढ़िया अभिव्यक्ति रचना अच्छी लगी.....
ReplyDeletenew post--काव्यान्जलि : हमदर्द.....
बहुत दिनों से मरे पोस्ट पर नही आई,..क्या बात है
badhiyaa bahut khoob
ReplyDeletemeraa honslaa meree himmat mere saath thee
usse jyaadaa uskee duaayein mere saath thee
कितने उठाये तूफ़ान ,पर मेरी लौ भी ना हिली
ReplyDeleteमुझ में था नूर किसी और का समाया हुआ
वाह लाजबाब। मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें।
भावों से नाजुक शब्द......
ReplyDeleteवाह! खूबसूरत अशआर
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ReplyDeleteमिश्री की डली ज़िंदगी हो चली
सुभानाल्लाह.....
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteमेरे हरीफ़ों ने कोशिश तो लाख की मगर
ReplyDeleteमैं एक दीया था खुदा का जलाया हुआ
कितने उठाये तूफ़ान ,पर मेरी लौ भी ना हिली
मुझ में था नूर किसी और का समाया हुआ
Awanti ji ...kya khoob likha hai apne ....bilkul lajabab rachana.