शाम को आज अलाव जला कर , सब इर्दगिर्द बैठ जायेगे
रेवड़ियां,मूंगफली और मक्की के फुल्ले,बांटेगे और खायेगे
मकर संक्रांति का ये पर्व मन में नव उत्साह भर जाता है
कोई सजाये रंगोली से घर ,तो कोई पतंग उडाता है
उत्तर भारत में इस पर्व को कुछ इस अंदाज से मनाते है
बहन बेटियों के घर ,खिचड़ी,पकवान और नव वस्त्र पहुचाते है
करके पवित्र नदियों में स्नान ,सूर्य के आगे नत मस्तक हो जाते है
कहीं -2 ,घर के बुजुर्गों को नव वस्त्र के दे उपहार आदर सम्मान जताते है
रात को बैठ अलाव की आग के आगे , सब संग हँसते बतियाते है
आपस के मन मुटाव को अग्नि की भेट चढाते , खुशियाँ मनाते है
रेवड़ियां,मूंगफली और मक्की के फुल्ले,बांटेगे और खायेगे
मकर संक्रांति का ये पर्व मन में नव उत्साह भर जाता है
कोई सजाये रंगोली से घर ,तो कोई पतंग उडाता है
उत्तर भारत में इस पर्व को कुछ इस अंदाज से मनाते है
बहन बेटियों के घर ,खिचड़ी,पकवान और नव वस्त्र पहुचाते है
करके पवित्र नदियों में स्नान ,सूर्य के आगे नत मस्तक हो जाते है
कहीं -2 ,घर के बुजुर्गों को नव वस्त्र के दे उपहार आदर सम्मान जताते है
रात को बैठ अलाव की आग के आगे , सब संग हँसते बतियाते है
आपस के मन मुटाव को अग्नि की भेट चढाते , खुशियाँ मनाते है
बहुत सुन्दर अवंति जी...
ReplyDeleteआपको लोहड़ी और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ.
आपकी लेखनी ऐसे ही सदा चलती रहे.
लोहड़ी और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर.......आपको पर्वो की शुभकामनाये|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा है आपने
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति, बधाई। मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeletesundar rachana
ReplyDeletemakarsankranti ki shubhkamnaye..