जिंदगी आ तुझे शब्दों में आज ढाला जाये
दिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये
आसूं पौंछ दिए जाएँ हर नम आँख से और
हर एक भूखे के पेट तक आज निवाला जाये
दिल और जिस्म के हर ज़ख्म पर लगे मरहम आज
दुःख और दर्द को दे दिया आज देश निकला जाये
दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
बन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
कभी ना देखी हो खुशियों की रौशनी जिस ने ,उस के लिए
सूरज की किरणों से आज लिया छीन, उजाला जाये
आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
जहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये
(अवन्ती सिंह)
दिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये
आसूं पौंछ दिए जाएँ हर नम आँख से और
हर एक भूखे के पेट तक आज निवाला जाये
दिल और जिस्म के हर ज़ख्म पर लगे मरहम आज
दुःख और दर्द को दे दिया आज देश निकला जाये
दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
बन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
कभी ना देखी हो खुशियों की रौशनी जिस ने ,उस के लिए
सूरज की किरणों से आज लिया छीन, उजाला जाये
आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
जहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये
(अवन्ती सिंह)
बहुत बढिया दूसरा शेर सबसे अच्छा|
ReplyDeleteदी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
ReplyDeleteबन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
....बहुत सकारात्मक सोच...सुन्दर सार्थक प्रस्तुति...
दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
ReplyDeleteबन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
बहुत ही अच्छा लिखती हैं आप ...
ये पंक्तियां विशेषकर अच्छी लगी ..आभार सहित शुभकामनाएं
Wah...ek ek panktiyan adbhut....
ReplyDeleteBahut hi gazab ke bhaav.....
Hats off to u for this one...Loved it....
बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति|
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletevery nice. short and sweet. aapki bhawanao aur abhivyakti ko pranam..........
Deleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteजिंदगी आ तुझे शब्दों में आज ढाला जाये
दिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये
सभी अच्छे....
वाह,सटीक और सामयिक रचना.
ReplyDeleteजिंदगी आ तुझे शब्दों में आज ढाला जाये
ReplyDeleteदिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये...बहुत ही खूबसूरती से जिन्दगी को शब्दों में ढाला है आपने.....
waah!
ReplyDeletekyon naa saath baith kar piyaa jaaye
phir masti mein jhoomaa jaaye
बहूत सुंदर सकारात्मक प्रस्तुती...
ReplyDeleteBahut sundar...:)
ReplyDeleteअच्छी रचना है।
ReplyDeleteआशावादिता ही सहारा है।
ReplyDeleteसुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने! बधाई!
ReplyDeleteमैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता.
ReplyDeletebahut sundar shabd...
ReplyDeleteकभी ना देखी हो खुशियों की रौशनी जिस ने ,उस के लिए
सूरज की किरणों से आज लिया छीन, उजाला जाये
shubhkaamnaayen.
प्रभावशाली अभिव्यक्ति है !
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको ..
bahut badhiya likhti hain aap.... dehro shubhkaamnaye...
ReplyDeleteजिंदगी आ तुझे शब्दों में आज ढाला जाये
ReplyDeleteदिल की हसरतों को सभी, आज निकला जाये
wah... awesome
http://rhythmvyom.blogspot.com/
आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
ReplyDeleteजहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये
बहुत सुन्दर और प्रेरक प्रस्तुति है आपकी.
सकारात्मक भावों का उदय करती अनुपम
प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,avanti जी.
दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
ReplyDeleteबन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
bahut hi sundar gazal ....sadar abhar Awanti ji .
दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
ReplyDeleteबन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
bahut hi sundar gazal ....sadar abhar Awanti ji .
रचनाऎं बहुत सुंदर एवम सार्थक हैं । मात्राऎं छूट रही हैं कही कहीं टंकण में ।
ReplyDeleteआसूं पौंछ दिए जाएँ हर नम आँख से और
ReplyDeleteहर एक भूखे के पेट तक आज निवाला जाये
बहुत खुबसूरत
दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
ReplyDeleteबन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
बेहतरीन पंक्तियाँ..
दी जाये एक मुस्कान ,तोहफे में किसी मायूस को
ReplyDeleteबन के हमदर्द, किसी बेबस को सम्भाला जाये
सुंदर , पावन भाव .....
आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
ReplyDeleteजहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये!
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने! ढेरों सराहना!
बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteआओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
ReplyDeleteजहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये !
अवन्ती सिंह जी, बहुत प्यारी रचना है आपकी !
आओ खोलें आज मिल कर , हम सब मधुशाला स्नेह की
ReplyDeleteजहाँ से हर एक प्यासे के होठो तक, पंहुचा दिया एक प्याला जाये
Gajab! waah waah!