तुम जीवन उर्जा हो प्रियतम!
तुम ही तो मेरे प्राण हो !!
तुम ही मेरी साँसों की डोरी !
तुम ही मेरी पहचान हो!!
तुम बिन जीवन कैसा जीवन!
तुम जीवन का संज्ञान हो !!
तुम ही मेरी प्यास हो!
और तुम ही अमृत जाम हो!!
तुम बन कर ओस बरसते जब !
मैं जवा-कुसुम सी खिल जाती!!
तुम हास्य-परिहास्य मेरे जीवन का !
तुम ही मेरा आत्म सम्मान हो !!
तुम जीवन उर्जा हो प्रियतम!
तुम ही तो मेरे प्राण हो !!
(अवन्ती सिंह )
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