सब कुछ खो कर खुद को पाया ये एक अच्छी बात हुई
गयी रात्री,प्रभात नव छाया , ये एक अच्छी बात हुई
गिरे पुराने पात वृक्ष से, नव पल्लव अब फुटेगे
फूल खिलेगे हर डाली पर , पंछी चहकेगे /कुकेंगें
हरीतिमा का अब राज्य है आया,ये एक अच्छी बात हुई
उर्जा मन में बढती जाती कुछ करके दिखलाने की
पीकर दर्द जहां के सारे, खुशियों के गीत सुनाने की
आज फिर गीत ख़ुशी का गाया ये एक अच्छी बात हुई
दीप जला कर खुशियों के, अब हम सब में खुशियाँ बाँट रहें
क्यूंकि ,अन्धकार में जो पल काटे वो अब तक हम को याद रहें
पर अन्धकार हमे छु भी ना पाया ये एक अच्छी बात हुई
गयी रात्री,प्रभात नव छाया , ये एक अच्छी बात हुई
गिरे पुराने पात वृक्ष से, नव पल्लव अब फुटेगे
फूल खिलेगे हर डाली पर , पंछी चहकेगे /कुकेंगें
हरीतिमा का अब राज्य है आया,ये एक अच्छी बात हुई
उर्जा मन में बढती जाती कुछ करके दिखलाने की
पीकर दर्द जहां के सारे, खुशियों के गीत सुनाने की
आज फिर गीत ख़ुशी का गाया ये एक अच्छी बात हुई
दीप जला कर खुशियों के, अब हम सब में खुशियाँ बाँट रहें
क्यूंकि ,अन्धकार में जो पल काटे वो अब तक हम को याद रहें
पर अन्धकार हमे छु भी ना पाया ये एक अच्छी बात हुई
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