ख़त एक तुम को लिखने का मन है भगवन
क्या पता है तुम्हारा? किस धाम लिखूं ?
मन्दिर में हो?गिरिजा में हो? या मस्जिद में पैगाम लिखूं ?
तुम नाम भी अपना बतला दो ,राम लिखूं या रहमान लिखूं?
धरती, अम्बर सूरज लिख दूँ या सुबह लिखूं या शाम लिखूं ?
कह कर तुम को अल्लाह पुकारूँ या जगन्नाथ भगवान लिखूं
तुम महावीर हो या नानक हो तुम? पर हम सब के पालक हो तुम
निवास निर्धारित है क्या तुम्हारा? गीता में हो? या कुरान लिखूं?
किस देश में हो?किस वेश में हो? किस हाल में? परिवेश में हो ?
किसी पथ्थर की मूर्त में हो या काबे की सुरत में हो?या गुरुग्रंथ स्थान लिखूं?
तुम निराकार हो या साकार हो तुम ? एक हो या अनेक प्रकार हो तुम ?
रुक्मणी के महल में रहते हो? या मीरा का ग्राम स्थान लिखूं?
ख़त एक तुम को लिखने का मन है भगवन
क्या पता है तुम्हारा? किस धाम लिखूं ?..............
क्या पता है तुम्हारा? किस धाम लिखूं ?
मन्दिर में हो?गिरिजा में हो? या मस्जिद में पैगाम लिखूं ?
तुम नाम भी अपना बतला दो ,राम लिखूं या रहमान लिखूं?
धरती, अम्बर सूरज लिख दूँ या सुबह लिखूं या शाम लिखूं ?
कह कर तुम को अल्लाह पुकारूँ या जगन्नाथ भगवान लिखूं
तुम महावीर हो या नानक हो तुम? पर हम सब के पालक हो तुम
निवास निर्धारित है क्या तुम्हारा? गीता में हो? या कुरान लिखूं?
किस देश में हो?किस वेश में हो? किस हाल में? परिवेश में हो ?
किसी पथ्थर की मूर्त में हो या काबे की सुरत में हो?या गुरुग्रंथ स्थान लिखूं?
तुम निराकार हो या साकार हो तुम ? एक हो या अनेक प्रकार हो तुम ?
रुक्मणी के महल में रहते हो? या मीरा का ग्राम स्थान लिखूं?
ख़त एक तुम को लिखने का मन है भगवन
क्या पता है तुम्हारा? किस धाम लिखूं ?..............
बहुत ही बढ़िया।
ReplyDeleteसादर
बड़ी पवित्र प्रस्तुति!...शानदार!...बधाई!
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया ख़त लिखा अपने....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.....
ReplyDeleteवो मंदिर भी जाता,मस्जिद भी जाता
ReplyDeleteवो मंदिर भी जाता
मस्जिद भी जाता
दीपावली,ईद दोनों
मनाता
रमजान में रोजे
पर्यूषण में उपवास
रखता
क्रिसमस चर्च में
मनाता
मत्था गुरुद्वारे में
टेकता
निरंतर खुदा की
इबादत में डूबा
रहता
कोई सिरफिरा
कोई पागल कहता
उसकी नज़रों में
खुदा हर रूप में
एक था
सर्वधर्म सुखाय
उसका सोच था
बेफिक्र जीता था
25-06-2011
1097-124-06-11
वाह!यह सरलता ही तो पसंद है भगवान को!
ReplyDeleteयशवंत जी,सुषमा जी ,KtheLeo जी आप सब का हार्दिक धन्यवाद.......
ReplyDeletekya baat hai ji....kya naam likh doon!
ReplyDeleteआपने विचारा और उसने सुन लिया।
ReplyDeleteखुदा की खुमारी, मदमस्त मस्ती
हरि हैं हृदय में, यही मेरी हस्ती।