हे! प्रियतम तुम कब आओगे?
बाट निहारत उम्र गुजारी
तुम कब आवाज़ लगाओगे
हे! प्रियतम तुम कब आओगे
पलक बिछाए दीपजलाए खड़ी हूँ
कब से द्वारे पर,बरसों बीत गये साजन
तुम कब आवाज़ लगाओगे?
हे! प्रियतम.........
उम्मीदे सब टूट चली है,विरहनी विरह मे
डूब चली है,कब गीत मिलन के गाओगे?
हे! प्रियतम.........
शृंगार मुझे भाते नहीं अब, त्योहार खुशी
लाते नहीं अब ,कब जीवन को उत्सव
बनाओगे,हे! प्रियतम................
बाट निहारत उम्र गुजारी
तुम कब आवाज़ लगाओगे
हे! प्रियतम तुम कब आओगे
पलक बिछाए दीपजलाए खड़ी हूँ
कब से द्वारे पर,बरसों बीत गये साजन
तुम कब आवाज़ लगाओगे?
हे! प्रियतम.........
उम्मीदे सब टूट चली है,विरहनी विरह मे
डूब चली है,कब गीत मिलन के गाओगे?
हे! प्रियतम.........
शृंगार मुझे भाते नहीं अब, त्योहार खुशी
लाते नहीं अब ,कब जीवन को उत्सव
बनाओगे,हे! प्रियतम................
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